बांके बिहारी मुझको देना सहारा।
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा॥
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा॥
तेरे सिवा दिल में समाएं ना कोई,
लगन का ये दीपक बुझायें ना कोई।
तू ही मेरी कश्ती, तू ही है किनारा,
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा॥
लगन का ये दीपक बुझायें ना कोई।
तू ही मेरी कश्ती, तू ही है किनारा,
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा॥
बाँके बिहारी मुझको देना सहारा।
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा॥
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा॥
तेरे नाम का गान गाता रहूँ मै,
सुबह शाम तुझको रिझाता रहूँ मै।
तेरा नाम है मुझको प्राणों से प्यारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा॥
सुबह शाम तुझको रिझाता रहूँ मै।
तेरा नाम है मुझको प्राणों से प्यारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा॥
बांके बिहारी मुझको देना सहारा।
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा॥
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा॥
तेरे रास्ते से हटाती है दुनिया,
इशारों से मुझको बुलाती है दुनिया।
देखूं न हरगिज़ मै दुनिया का इशारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा॥
इशारों से मुझको बुलाती है दुनिया।
देखूं न हरगिज़ मै दुनिया का इशारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा॥
बांके बिहारी मुझको देना सहारा।
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा॥
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा॥
बड़ी भूल की जो मै दुनिया में आया,
मूल भी ख़ोया और ब्याज भी गँवाया।
दुनिया में मुझको ना भेजना दोबारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा॥
मूल भी ख़ोया और ब्याज भी गँवाया।
दुनिया में मुझको ना भेजना दोबारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा॥
बांके बिहारी मुझको देना सहारा
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा
बांके बिहारी मुझको देना सहारा
बांके बिहारी मुझको देना सहारा
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा
बांके बिहारी मुझको देना सहारा
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा